चांद ने क्या कहा था तुमसे! (Poetry)
- Rohit Kadam
- Jun 17, 2019
- 1 min read

तुम्हें याद तो होगा ना,
चांद ने क्या कहा था तुमसे?
हम भी तो थे तुम्हारे साथ उस दिन
याद हैं तुम्हें?
याद होगा तो बता देना खत लिखकर कि
चांद ने क्या कहा था तुमसे?
वह रात निकल पड़े थे घर से
रास्ते में तुम मिल गई,
चलते चलते चांद भी शायरी करने लगा था प्यार की
हम... चांद ने क्या कहा था तुमसे?
चांद की अदाएं उस दिन कुछ अलग ही थी
पर तुम्हारी अदाओं के सामने,
चांद ने भी हार मान ली थी शायद
याद है! चांद ने क्या कहा था तुमसे?
वह दिन हम भी इतने नादान हो गए थे कि
शायद सारा ज़माना भूल गए थे हम,
वह चांदनी रात भी क्या कमाल थी
याद है ना! चांद ने क्या कहा था तुमसे?
उस दिन बाद कभी हम मिले ही नहीं
मिलते भी कैसे?
उस दिन चांद में इतना डूब गई कि
ऊपर से गिर के जान गवा बैठी,
क्या कहा होगा चांद ने?
मिलने के लिए रोज़ आते हैं हम तुम्हें
उसी जगह, उसी समय
पर तुम बताती ही नहीं,
चांद ने क्या कहा था तुमसे?
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