Rohit KadamJun 21, 2019फख्र। (Poetry)मैं जरूर आऊंगा एक दिन आंधी की तरह, फख़्र तो होगा ना तुम्हें मुझ पे? जब तुम फरियाद लेकर आओगे तो फरिश्ता सा बनकर हाज़िर हो जाऊंगा, तब से हर...
Rohit KadamJun 17, 2019चांद ने क्या कहा था तुमसे! (Poetry)तुम्हें याद तो होगा ना, चांद ने क्या कहा था तुमसे? हम भी तो थे तुम्हारे साथ उस दिन याद हैं तुम्हें? याद होगा तो बता देना खत लिखकर कि चांद...
Rohit KadamJun 13, 2019वह शक्स! (Poetry)वो क़ासिद भी सुना सा लगता है अब, शायद वह शक्स मुझे अभी याद नहीं करता। ये माजी वक्त तो किताबों के पन्नों पर ही अच्छा लगता हैं, शायद उससे...
Yogesh GholeJun 11, 2019कवि (Random)एक कवि अमूर्त स्वरूप को अपनी कविता में ला कर रसकेंद्रित करता हैं। कवि समाज का आईना हैं। उसे खुद के दिल और दिमाग़ को ढीठ करना पढ़ता हैं,...
Abir MaheshwariJun 6, 2019इंसान हूँ मैं।बचपन में दिए गए जो संस्कार, बताएंगे बड़ा होके कैसा बनेगा वो इंसान। ना हिन्दू बनना चाहता हूँ ना मुसलमान, इंसान का बच्चा हूँ बनना चाहूँ मैं...